स्वयं सहायता समूह में बीसी सखी और बैंक सखी एक महत्वपूर्ण पद हैं। Swayam sahayata samuh में बीसी सखी और बैंक सखी की नियुक्ति राष्ट्रीय आजीविका मिशन के अंतर्गत की जाती है।
आइए जानते हैं स्वयं सहायता समूह बी सी सखी और बैंक सखी में क्या अंतर है। बैंक सखी और बीसी सखी के कार्य। बैंक सखी और बीसी सखी का वेतन।
स्वयं सहायता समूह बी सी सखी क्या है। swayam sahayata samuh BC sakhi kya hai.
राष्ट्रीय आजीविका मिशन ने स्वयं सहायता समूह के माध्यम से महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और उन्हें रोजगार प्रदान करने के लिए |
BC सखी का पूरा नाम banking correspondence सखी है। स्वयं सहायता समूह में बीसी सखी का कार्य समूह से जुड़ी महिलाओं के आर्थिक लेनदेन का कार्य करना है। इसके अलावा बीसी सखी ग्रामीण क्षेत्र में छोटे-मोटे बैंकिंग लेनदेन का कार्य भी करती हैं।
इस कार्य के लिए स्वयं सहायता समूह की बीसी सखी को राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत लैपटॉप या कंप्यूटर दिया जाता है इसके साथ ही 1 फिंगर प्रिंट डिवाइस दी जाती है जिसके माध्यम से Aeps आधार आधारित भुगतान प्रक्रिया की जा सके।
बीसी सखी ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के बैंक में जमा किए गए पैसों को आधार नंबर के जरिए निकालते हैं एवं जमा भी करते हैं जिस पर उन्हें कमीशन मिलता है।
बीसी सखी को हर महीने कमीशन मिलता है। बीसी सखी हर महीने कमीशन से ₹6000 से लेकर ₹10000 से भी अधिक का वेतनमान प्राप्त कर लेती है।
स्वयं सहायता समूह बैंक सखी क्या है।swayam sahayata samuh bank sakhi kya hai.
राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत गठित किए गए स्वयं सहायता समूह में बैंक सखी की नौकरी भी दी जाती है। Bank sakhi का कार्य स्वयं सहायता समूह के सदस्यों के बैंक से संबंधित कार्य जैसे समूह का खाता खुलवाना, स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को bank loan दिलवाना होता है।
स्वयं सहायता समूह के माध्यम से नियुक्त की गई बैंक सखी स्थानीय बैंक में कार्य करती हैं। स्थानीय बैंक में रहकर किसी भी समूह की महिला के लिए उद्योग अथवा अन्य कार्य के लिए CCL का पैसा निकलवा ना इत्यादि कार्य करवाती हैं।
Swayam sahayata samuh में बैंक सखी को राष्ट्रीय आजीविका मिशन के अंतर्गत वेतनमान मिलता है। बैंक सखी को उसके कार्य के अनुसार मासिक वेतन दिया जाता है। यह वेतन nrlm द्वारा निर्धारित किया जाता है।
स्वयं सहायता समूह बी सी सखी और बैंक सखी में अंतर।
स्वयं सहायता समूह बीसी सखी और बैंक सखी में हम अंतर बिंदुवार जानेंगे।
- बीसी सखी का कार्य स्वयं सहायता समूह और ग्रामीण क्षेत्र के बैंकिंग लेनदेन का कार्य करना होता है। बीसी सखी को मिनी बैंक भी कहा जाता है।
- बैंक सखी बैंक में रहकर स्वयं सहायता समूह के बैंक से संबंधित कार्य पूरे करवाती है जैसे कि पैसा निकलवाना जमा करना खाता खुलवाना इत्यादि।
- बीसी सखी आधार के माध्यम से किसी भी बैंक का लेनदेन कर सकती हैं।
- बैंक सखी बैंक में रहकर स्वयं सहायता समूह के सदस्यों का पैसा निकालना जमा कर सकते हैं।
- बीसी सखी पैसे के लेनदेन पर कमीशन के रूप में मानदेय पाती हैं।
- बैंक सखी को राष्ट्रीय आजीविका मिशन के अंतर्गत मासिक निर्धारित मानदेय दिया जाता है।